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16 Sep 2020 · 1 min read

वो धीरे धीरे दिल को चुराकर चले गए

ग़ज़ल
वो धीरे धीरे दिल को चुराकर चले गए
अपने ही प्यार को वो रुलाकर चले गए
सताने लगे थे ख्वाब में आ करके वो मेरे
वो पास मेरे आए पर आकर चले गए
शम्मा दिलो में प्यार की बुझती नहीं कभी
वो दिल को मेरे जख्मी बनाकर चले गए
नयन में नयन डालकर बादे किए बहुत
महबूब के वादों को भुला कर चले गए
“कृष्णा”को बीच राह तू छोड़ना नहीं
जिसने किया था प्यार वो सारे छले गए

8 Likes · 1 Comment · 376 Views
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