Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Oct 2024 · 1 min read

“वो दीवारें”

“वो दीवारें”
वो दीवारें तो है हर दौर का सच,
खुला हर दिल का दरवाजा था पहले।

2 Likes · 3 Comments · 37 Views
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

दुनिया का सबसे बड़ा पुण्य का काम किसी के चेहरे पर मुस्कान ला
दुनिया का सबसे बड़ा पुण्य का काम किसी के चेहरे पर मुस्कान ला
Rj Anand Prajapati
मुखौटा
मुखौटा
seema sharma
यहाँ सब काम हो जाते सही तदबीर जानो तो
यहाँ सब काम हो जाते सही तदबीर जानो तो
आर.एस. 'प्रीतम'
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कंडक्टर सा हो गया, मेरा भी किरदार
कंडक्टर सा हो गया, मेरा भी किरदार
RAMESH SHARMA
*
*"बादल"*
Shashi kala vyas
कहने की कोई बात नहीं है
कहने की कोई बात नहीं है
Suryakant Dwivedi
दोहा बिषय- दिशा
दोहा बिषय- दिशा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"तब जाकर कुछ लिखता हूं"
राकेश चौरसिया
नज़र भर देखने के लिए चेहरा छिपाना पड़ता है,
नज़र भर देखने के लिए चेहरा छिपाना पड़ता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अभिलाषा
अभिलाषा
indu parashar
ভাল পাওঁ
ভাল পাওঁ
Arghyadeep Chakraborty
बीजः एक असीम संभावना...
बीजः एक असीम संभावना...
डॉ.सीमा अग्रवाल
🙅अक़्लमंद🙅
🙅अक़्लमंद🙅
*प्रणय*
सुन लो प्रिय अब किसी से प्यार न होगा।/लवकुश यादव
सुन लो प्रिय अब किसी से प्यार न होगा।/लवकुश यादव "अजल"
लवकुश यादव "अज़ल"
मुस्कुराओ
मुस्कुराओ
पूर्वार्थ
बहाव संग ठहराव
बहाव संग ठहराव
Ritu Asooja
*यात्रा*
*यात्रा*
Shashank Mishra
प्रेम प्रस्ताव
प्रेम प्रस्ताव
NAVNEET SINGH
हम किसी का वाह्य स्वरूप ही देख पाते...
हम किसी का वाह्य स्वरूप ही देख पाते...
Ajit Kumar "Karn"
गीत
गीत
Shweta Soni
" प्रेम "
Dr. Kishan tandon kranti
मेरी जिन्दगी
मेरी जिन्दगी
ललकार भारद्वाज
5. Festive Light
5. Festive Light
Ahtesham Ahmad
चमकते सूर्य को ढलने न दो तुम
चमकते सूर्य को ढलने न दो तुम
कृष्णकांत गुर्जर
आखिर कब तक इग्नोर करोगे हमको,
आखिर कब तक इग्नोर करोगे हमको,
शेखर सिंह
बोलो राम राम
बोलो राम राम
नेताम आर सी
The Saga Of That Unforgettable Pain.
The Saga Of That Unforgettable Pain.
Manisha Manjari
शिकवा
शिकवा
D.N. Jha
दुश्मनों से नहीं दोस्तों से ख़तरा है
दुश्मनों से नहीं दोस्तों से ख़तरा है
Manoj Mahato
Loading...