वो जिसकी भी यहाँ चर्चा करेंगे
वो जिसकी भी यहाँ चर्चा करेंगे
उसी का बाद में किस्सा करेंगे
बनाएंगे जगह हम तो दिलों में
न अपनों से तेरा मेरा करेंगे
भले ही स्वप्न रह जाएं अधूरे
उसूलों से न समझौता करेंगे
हमारा साथ छूटा बीच में ही
सफर पूरा ये अब तन्हा करेंगे
करेंगे चाँद से बातें तुम्हारी
अकेले रातें यूँ काटा करेंगे
झुका लेंगे हम अपनी ही निगाहें
हया का तुमसे यूँ पर्दा करेंगे
बहेंगे”अर्चना’आँखों से आँसू
तुम्हें जब याद हम आया करेंगे
10-06-2018
डॉ अर्चना गुप्ता