Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Apr 2024 · 1 min read

जनता की कैसी खुशहाली

खुशहाली कैसी जनता की
जनता की कैसी खुशहाली

जनगणमन करता है क्रन्दन
आहत भारतमाता का तन
भागा भागा फिरता है मन
सावन में बरस रही गाली
जनता की कैसी खुशहाली

बढ़ता जाता आतंकवाद
शेरों की आकृति पर विवाद
कृषकों को मिलते बीज खाद
जब रेहन रख देते लाली
जनता की कैसी खुशहाली

मंहगा पेट्रोल और डीजल
बढ़ रही समस्यायें अविकल
निर्धन की दाल न पाती गल
ले रही उसांसें उजियाली
जनता की कैसी खुशहाली

नेता जनता में डाल फूट
जनता के धन को रहे लूट
कर चोरों को है मिली छूट
तिकड़म हर ताले की ताली
जनता की कैसी खुशहाली

जनता भोली, सीधी-सादी
थोड़े में जीने की आदी
बढ़ रही निरन्तर आबादी
गीला आटा घर कंगाली
जनता की कैसी खुशहाली

बेबस हो ऋण लेना पड़ता
आंखों में सूद सदा गड़ता
आ जाती जीवन में जड़ता
बद से बदतर हालत माली
जनता की कैसी खुशहाली

जो बड़े-बड़े भ्रष्टाचारी
जो दानव-दैत्य-दुराचारी
जो काया के कारोबारी
चर रहे देश की हरियाली
जनता की कैसी खुशहाली ।

-महेश चन्द्र त्रिपाठी

1 Like · 17 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from महेश चन्द्र त्रिपाठी
View all
You may also like:
भारत मे तीन चीजें हमेशा शक के घेरे मे रहतीं है
भारत मे तीन चीजें हमेशा शक के घेरे मे रहतीं है
शेखर सिंह
उम्र निकल रही है,
उम्र निकल रही है,
Ansh
दिखता नही किसी को
दिखता नही किसी को
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
रमेशराज के 12 प्रेमगीत
रमेशराज के 12 प्रेमगीत
कवि रमेशराज
परम प्रकाश उत्सव कार्तिक मास
परम प्रकाश उत्सव कार्तिक मास
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
शब्द भावों को सहेजें शारदे माँ ज्ञान दो।
शब्द भावों को सहेजें शारदे माँ ज्ञान दो।
Neelam Sharma
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Rekha Drolia
*तुम अगर साथ होते*
*तुम अगर साथ होते*
Shashi kala vyas
कृष्णा सोबती के उपन्यास 'समय सरगम' में बहुजन समाज के प्रति पूर्वग्रह : MUSAFIR BAITHA
कृष्णा सोबती के उपन्यास 'समय सरगम' में बहुजन समाज के प्रति पूर्वग्रह : MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
माँ तुम सचमुच माँ सी हो
माँ तुम सचमुच माँ सी हो
Manju Singh
"इस रोड के जैसे ही _
Rajesh vyas
"मयखाना"
Dr. Kishan tandon kranti
दोहा
दोहा
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*उम्र के पड़ाव पर रिश्तों व समाज की जरूरत*
*उम्र के पड़ाव पर रिश्तों व समाज की जरूरत*
Anil chobisa
किताबे पढ़िए!!
किताबे पढ़िए!!
पूर्वार्थ
!!! भिंड भ्रमण की झलकियां !!!
!!! भिंड भ्रमण की झलकियां !!!
जगदीश लववंशी
अब तुझे रोने न दूँगा।
अब तुझे रोने न दूँगा।
Anil Mishra Prahari
ज़िंदगी बेजवाब रहने दो
ज़िंदगी बेजवाब रहने दो
Dr fauzia Naseem shad
जश्न आजादी का ....!!!
जश्न आजादी का ....!!!
Kanchan Khanna
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मनुष्य जीवन - एक अनसुलझा यक्ष प्रश्न
मनुष्य जीवन - एक अनसुलझा यक्ष प्रश्न
Shyam Sundar Subramanian
👌फिर हुआ साबित👌
👌फिर हुआ साबित👌
*Author प्रणय प्रभात*
इश्क बेहिसाब कीजिए
इश्क बेहिसाब कीजिए
साहित्य गौरव
The Magical Darkness
The Magical Darkness
Manisha Manjari
मां गोदी का आसन स्वर्ग सिंहासन💺
मां गोदी का आसन स्वर्ग सिंहासन💺
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
पिता
पिता
लक्ष्मी सिंह
आसमान में बादल छाए
आसमान में बादल छाए
Neeraj Agarwal
2811. *पूर्णिका*
2811. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बचपन की सुनहरी यादें.....
बचपन की सुनहरी यादें.....
Awadhesh Kumar Singh
*फिर से राम अयोध्या आए, रामराज्य को लाने को (गीत)*
*फिर से राम अयोध्या आए, रामराज्य को लाने को (गीत)*
Ravi Prakash
Loading...