*”वो गर्म चाय की प्याली”*
सुबह उठते ही नींद से जाग कर ,अलसाई अंगड़ाई लेते चाय की तलब लगती।
हाथ मुँह धो ब्रश करते ही ,गरमागरम अदरक तुलसी की चाय महक आ जाती।
अखबार थामे चाय की चुस्कियों के साथ ,गर्म चाय का लुत्फ उठाते।
नई ऊर्जा शक्ति मिलते ही ,फिर से अपने काम पे जुट जाते।
दैनिक कार्यों को करते हुए ,फिर कुछ देर जब थकान लगती।
गर्म चाय की तलब होती ,चाय पीकर बचे अधूरे काम करने लगते।
ऐसा लगता मानो, गाड़ी को ईंधन मिल गया हो, शरीर में तेजी से स्फूर्ति आ जाती।
सांझ ढले जब फुर्सत के पलों में ,उबासी आलस घेर गर्म चाय को तलाशती।
चाय की ऐसी तलब सुबह शाम जीने की हिस्सा बन जाती।
फुर्सत के पलों में परिवार के साथ बैठकर,
बरसों पुरानी बातों को याद कर हंसी मजाक ठहाके लगाते।
दो घूंट चाय की चुस्कियों के साथ ही ,चलो थोड़ी देर हम साथ साथ बैठ जाते।
कुछ तुम कहते कुछ हम कहते ,बस एक दूसरे की बातों को सुन समझते रहते।
चाय पीते हुए कुछ चर्चा होती ,सखी सहेली मित्रजन के साथ कुछ हसीन पल गुजारते।
दूरियां खत्म हो फिर से जब दोस्ती यारी चाय की चुस्कियों का आनंद उठाते।
बारिश की बूंदे जब बरसती ,चाय के साथ गर्म पकौड़े खा खूब आनंद लुटाते।
सर्द हवाओं में रजाई के अंदर दुबके हुए, गरमागरम चाय ठंडी से राहत दिलाते।
चाय पीने वाले कोई न कोई बहाना बनाकर चाय पीने का लुत्फ उठाते।
बरसो पुरानी सुनहरी यादों का पिटारा खोल चाय की चुस्कियों का आनंद लेते।
चाय के साथ बिस्कुट या स्नैक्स हरदम साथ रहने की सीख दे जाते।
वो अदरक तुलसी मसाले वाली चाय संजीवनी बूटी कहलाते।
गर्म चाय की प्याली कभी भी जब मन करे तब भी दो घूंट चुस्कियों का आनंद उठाते।
अंतरराष्ट्रीय टी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं☕☕☕☕☕☕☕
शशिकला व्यास✍