वो खूबसूरत है
वो खूबसूरत है।
वो खूबसूरत है
बिछी बर्फ की तरह
बहती दरिया सी
गिरती ओस रूपी
आखिरी बूंद सी बरखा की
छायी लालिमा सी
नीले गगन की तरह।
वो खूबसूरत है
दंतुरित मुस्कान की तरह
नवजात शिशु के स्पर्श सी
उगती भोर जैसी
ढ़लती शाम सी
बोलती कूक रूपी
घिरते बादल की तरह
वो खूबसूरत है
कायनात की तरह
क्योंकि….
उसने पूछा था सवाल
मैं कैसी हूं?
नि: शब्द था मैं
बोला सिर्फ अतिसुंदर
हर दीवाने की तरह
वो खूबसूरत है
इस कविता की तरह
जिसमें नहीं है कोई बंधन
नहीं है दर्द और
नहीं है निराशा
नहीं है अकेलापन
सूखे ठूंठ की तरह।
वो खूबसूरत है
वाकई बहुत खूबसूरत है।।