वो इश्क़ कहलाता है !
वो इश्क़ कहलाता है, वो इश्क़ कहलाता है
जो अनजानी राहों पर मंजिल का पता दे जाता है
जो भूख, प्यास और चैन करार, सब छीन कर ले जाता है
जो दो बिछड़ी धड़कन को एक कर जाता है
जो रेत के समंदर में ठंडा नीर बन जाता है
वो इश्क़ कहलाता है, वो इश्क़ कहलाता है
जो सारे रिश्ते नातों को पल में धूमिल कर जाता है
जो सारे रीत रिवाजों से एक पल में बैर कराता है
जो लोक लाज और जाति धर्म के बंधन से मुक्त कराता है
जो धन दौलत और कीर्तिमान सब एक पल में ठुकराता है
वो इश्क़ कहलाता है, वो इश्क कहलाता है ।
।। आकाशवाणी ।।