वो आगे और जाना चाहता है
वो आगे और, जाना चाहता है
मुकाम ऊँचा, बनाना चाहता है।1।
लोगों के काम आए, ताज़िन्दगी
किरदार, यूँ निभाना चाहता है।2।
प्रेम बढे, शांति, ख़ुशहाली भी
कुछ, ऐसा कर जाना चाहता है।3।
सभी हो दोस्त, दुश्मनी रहे क्यूँ
सबके ही, काम आना चाहता है।4।
ख़ार हो तो, फ़कत रखवाली में
दुनिया, ऐसी बनाना चाहता है।5।
जानता है, मानती नहीं ये दुनिया
फिर भी वो, आजमाना चाहता है।6
वो कोई और नहीं, दिल है मेरा
बाहों में इतना, सामना चाहता है।7।
-आनंद बिहारी, चंडीगढ़
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