वो आए और देखकर मुस्कुराने लगे
वो आये और देख कर जाने लगे।
नज़र नीची किये , मुस्कराने लगे।
लाख कोशिशें की,पर रोक न पाये
ख्वाब आंखों में थे, छटपटाने लगे।
महफ़िल में गुमसुम ,बैठ तो वो गये
बस दिल पर वो , कटार चलाने लगे।
वो नैना शराबी,और महकती जुल्फें
आंखों आंखों में फिर वो पिलाने लगे।
तमन्ना दिल की चूम ले थरथराते लब
खुदा कसम ,छलकते दो पैमाने लगे।
महफिल में नकाब सरकी रुखसार से
होश फाख्ता हुए तो सब को दीवाने लगे।
सुरिंदर कौर