वो अंतिम क्षण
बात सिर्फ ये नही कि
मुझ से भुलाया क्यो
नही जा रहा है माँ
वो अंतिम क्षण जब तुम
जा रही थी दूर इतनी दूर
जहां हम दोनों एक साथ
फिर कभी मिल नही पाएंगे
कितना दर्द दफन हैं मेरे भीतर
बया नही किया जा सकता
उस दर्द की टीस माँ बहुत
गहरी हो गई हैं
चाहकर भी नही निकल पाती
उस गहरी खाई से मैं क्यो..?
ईश्वर की असीम लीला हैं
शायद मैं उसको समझ नही
पा रही हूँ कि क्यो आखिर क्यों?
चली गई माँ फिर कभी न दिखने को
जीवनयात्रा पर आप क्यो न
रह सकी बेटी का वास्ता दे
वो भी सम्भव नही है सब
जानती हूँ माँ ये सब फिर भी
न जाने क्यो..?
भूल नही पा रही हूँ
वो अंतिम पल
अनाथ होने के
नितांत अकेली होने के
डॉ मंजु सैनी