वोह ख्वाब में ही सही आता तो है…
वो ख्वाब में ही सही आता तो है।
देख के मेरी ओर मुस्कुराता तो है।।
वो सिर्फ मेरा होकर रहे जरूरी तो नहीं।
वो मुझ से रिश्ता प्यार का निभाता तो है।।
यह और बात है वो न आये मुझसे मिलने कभी।
मेरे घर की राहों से वो रोज़ मगर जाता तो है।।
अपनों से कितने फरेब खाये हमने यहां।
वो कम से कम फरेब से हमे बचाता तो है।।