वैसाख मास संग अपने
बैसाख मास सँग अपने
कनक उपहार लाया है ,
हुआ कण कण है प्रफुल्लित
जन मन सब हरषाया है ।
चमके खेत स्वर्ण – आभ से
कृषक हृदय मुस्काया है ,
झूम रही गेहूँ बाली
गीत पवन ने गाया है ।
क्यार क्यार खग हैं डोले
विधि से दाना पाया है ,
खेतों में उमंग लेकर
बैसाख मास आया है ।
डॉ रीता सिंह
चन्दौसी सम्भल