वैरी चाँद
समझा था मैंने जिसे एक
छोटा सा दिल का टुकड़ा
था वो मेरे दिल कि जान।
क्या कहूं,था मैं जिसके पीछे
भाग रहा बनकर दीवाना
वह निकला कैसा वैरी चाँद।
संजय कुमार✍️✍️
समझा था मैंने जिसे एक
छोटा सा दिल का टुकड़ा
था वो मेरे दिल कि जान।
क्या कहूं,था मैं जिसके पीछे
भाग रहा बनकर दीवाना
वह निकला कैसा वैरी चाँद।
संजय कुमार✍️✍️