Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2023 · 1 min read

वैमनस्य का अहसास

वैमनस्य का अहसास दूरियां बढ़ा देता है,
इन्सान से इन्सान के मध्य,
विचार और विमर्श के मध्य,
तर्क और तनाव के मध्य,
संन्यासी और कुटिल सोच वाले के मध्य।
………..
वैमनस्य के बीच इन्सान फासला और फैसला,
दोनों भूल जाता है,
उसे सिर्फ और सिर्फ हिंसा याद रहती है,
सांप्रदायिक दंगे होना शुरू हो जाते हैं।
……………
मंदिर, मस्जिद, गुरद्वारे और गिरजाघर,
हिंसा की भेंट चढ़ जाते हैं,
जात-पात और धर्म के झगड़े बढ़ जाते हैं,
सज्जन भी दुर्जन बन जाता है।
…….….
आगजनी, पथराव, हिंसक प्रदर्शन,
वैमनस्य के शुरू होने की निशानियां हैं,
वैमनस्य की ज्वाला देश को झुलसा देती,
बचती है तो बस मुट्ठी भर राख।
………

हे मानव ! वैमनस्य को त्यागकर,
अपने भाईचारे की आहुति मत दे,
अपने आपको जनसमुदाय के प्रति समर्पित कर,
और देश के विकास में सहयोगी बन।

घोषणा उक्त रचना मौलिक अप्रकाशित और स्वरचित है। यह रचना पहले फेसबुक ग्रुप या व्हाट्स एप ग्रुप पर प्रकाशित नहीं हुई है ।

डॉ प्रवीण ठाकुर
भाषा अधिकारी,
निगमित निकाय भारत सरकार
शिमला हिमाचल प्रदेश।

Language: Hindi
1 Like · 231 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बीता समय अतीत अब,
बीता समय अतीत अब,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जिंदगी रोज़ नये जंग दिखाए हमको
जिंदगी रोज़ नये जंग दिखाए हमको
Shweta Soni
दोस्ती
दोस्ती
Mukesh Kumar Sonkar
प्रकृति के फितरत के संग चलो
प्रकृति के फितरत के संग चलो
Dr. Kishan Karigar
रूपान्तरण
रूपान्तरण
Dr. Kishan tandon kranti
रिश्तों का सच
रिश्तों का सच
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
तस्वीर तुम्हारी देखी तो
तस्वीर तुम्हारी देखी तो
VINOD CHAUHAN
कठिनताओं की आवाजाही हीं तो, जीवन को लक्ष्य से मिलवाती है।
कठिनताओं की आवाजाही हीं तो, जीवन को लक्ष्य से मिलवाती है।
Manisha Manjari
मंज़िल का पता है न ज़माने की खबर है।
मंज़िल का पता है न ज़माने की खबर है।
Phool gufran
पिता की याद।
पिता की याद।
Kuldeep mishra (KD)
अब तुझे रोने न दूँगा।
अब तुझे रोने न दूँगा।
Anil Mishra Prahari
" रहना तुम्हारे सँग "
DrLakshman Jha Parimal
#तन्ज़िया_शेर...
#तन्ज़िया_शेर...
*प्रणय प्रभात*
तेरे पास आए माँ तेरे पास आए
तेरे पास आए माँ तेरे पास आए
Basant Bhagawan Roy
**गैरों के दिल में भी थोड़ा प्यार देना**
**गैरों के दिल में भी थोड़ा प्यार देना**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
चेहरे पर अगर मुस्कुराहट हो
चेहरे पर अगर मुस्कुराहट हो
Paras Nath Jha
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बुंदेली दोहा-
बुंदेली दोहा- "पैचान" (पहचान) भाग-2
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
Satya Prakash Sharma
कुछ इस तरह टुटे है लोगो के नजरअंदाजगी से
कुछ इस तरह टुटे है लोगो के नजरअंदाजगी से
पूर्वार्थ
🙏गजानन चले आओ🙏
🙏गजानन चले आओ🙏
SPK Sachin Lodhi
3226.*पूर्णिका*
3226.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*भूल गए अध्यात्म सनातन, जातिवाद बस याद किया (हिंदी गजल)*
*भूल गए अध्यात्म सनातन, जातिवाद बस याद किया (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
हे गणपति श्रेष्ठ शुभंकर
हे गणपति श्रेष्ठ शुभंकर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"" *गीता पढ़ें, पढ़ाएं और जीवन में लाएं* ""
सुनीलानंद महंत
वो सुहाने दिन
वो सुहाने दिन
Aman Sinha
डोर रिश्तों की
डोर रिश्तों की
Dr fauzia Naseem shad
शिक़ायत नहीं है
शिक़ायत नहीं है
Monika Arora
तपाक से लगने वाले गले , अब तो हाथ भी ख़ौफ़ से मिलाते हैं
तपाक से लगने वाले गले , अब तो हाथ भी ख़ौफ़ से मिलाते हैं
Atul "Krishn"
आत्म साध्य विचार
आत्म साध्य विचार
Neeraj Mishra " नीर "
Loading...