वैनिटी बैग
वैनिटी बैग
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आज पहलीबारी
तुमसे छुपा
फुरसत में खोल ही लिया
तुम्हारे हाथ में
यह जो रहता है
यदि देखा जाए तो वह
मेरे हाथ की जगह है
काश मेरे हाथ को यूं ही थामे रहने की
एक रूमानी आदत हो तुम्हे
वैनिटी बैग में रुमाल ,
छोटा दर्पण, पिन,
कुछ चिमटियां , हेयर बैंड, क्रेचर
कुछ कास्मेटिक जो मुझे भी
सदा पसंद रहे ,
हालांकि सभी तुमसे संबंधित रहते हैं
“लिपिस्टिक,टिशू पेपर, आई लाइनर, मोश्चराइजर ……..”
कुछ रेजगारी , कुछ बड़े नोट
घर की चाभियां ….
पानी की 200 एमएल की बोतल
कुछ टाफियां
मेरे पसंद की लीची फ्लेवर वाली,
मिंट, डाइजेस्टिव स्वाद ..
लौंग इलायची का पाउच
पेपर सोप, सेनिटाइजर
एक लिफाफे में
मेरी दवाएं ..
एक छोटी डायरी
जिसमें महत्वपूर्ण पते, मोबाइल नंबर आदि लिख कर रखती हो,
” यह कह कर कि मोबाइल का कोई भरोसा नहीं,
कब खो जाए या बैटरी डाउन हो”
अंदर की स्पेशल जेब भी देखी
भरी थी कागजों से
पिछली फ्लाइट के बोर्डिंग पास
होटल के बिल
कुछ स्लिप,
कागज पे लिखे नोट्स के टुकड़े
मेरे द्वारा लिखे पते,
लोगों के नाम के कार्ड
मेरी दवा के पर्चे
तुमने सब सहेजा
वह भी
जिसको मैंने ” डस्ट बिन में
डालना है, कहना भूला था ..”
वैनिटी बैग है या
तुम्हारा संक्षिप्त हृदय
जिसमें तुम मेरा हाथ
थामे रखने का
कोमल एहसास दिला रही हो
मैं कह सकता हूं अब
मेरा हाथ थाम के चलो ,
न सही
पर थामे रहना
अपना वैनिटी बैग
हमेशा की तरह
जिसमें
पूरी तरह से
मैं ही समाया हुआ हूं।
– अवधेश सिंह