Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Dec 2020 · 1 min read

वैताल छन्द

कामरूप वैताल छन्द
9,7,10 अंत 21

माँ द्वार आया, भक्त तेरे, पूर्ण कर दो आस।
सब कष्ट मेरे, दूर करदे, चैन की दो स्वांस।
नित ध्यान करके, आरती माँ, मैं करूँ गुणगान।
मां दोष सारे, नष्ट करके, दीजिये शुभज्ञान।

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 284 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अवधी गीत
अवधी गीत
प्रीतम श्रावस्तवी
मेरे कफन को रहने दे बेदाग मेरी जिंदगी
मेरे कफन को रहने दे बेदाग मेरी जिंदगी
VINOD CHAUHAN
नशा नाश की गैल हैं ।।
नशा नाश की गैल हैं ।।
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
बगुले ही बगुले बैठे हैं, भैया हंसों के वेश में
बगुले ही बगुले बैठे हैं, भैया हंसों के वेश में
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
3606.💐 *पूर्णिका* 💐
3606.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मुक्तक... हंसगति छन्द
मुक्तक... हंसगति छन्द
डॉ.सीमा अग्रवाल
“ऐसी दोस्ती”
“ऐसी दोस्ती”
DrLakshman Jha Parimal
D
D
*प्रणय*
*भारतीय क्रिकेटरों का जोश*
*भारतीय क्रिकेटरों का जोश*
Harminder Kaur
बहुत याद आता है
बहुत याद आता है
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
भ्रातत्व
भ्रातत्व
Dinesh Kumar Gangwar
अक्षर-अक्षर हमें सिखाते
अक्षर-अक्षर हमें सिखाते
Ranjeet kumar patre
आप जो भी हैं।
आप जो भी हैं।
Sonam Puneet Dubey
*बता दे आज मुझे सरकार*
*बता दे आज मुझे सरकार*
Dushyant Kumar
"जिन्दगी के वास्ते"
Dr. Kishan tandon kranti
काजल
काजल
Neeraj Agarwal
हमारे मां-बाप की ये अंतिम पीढ़ी है,जिनके संग परिवार की असली
हमारे मां-बाप की ये अंतिम पीढ़ी है,जिनके संग परिवार की असली
पूर्वार्थ
अंतिम सत्य
अंतिम सत्य
विजय कुमार अग्रवाल
हँसकर आँसू छुपा लेती हूँ
हँसकर आँसू छुपा लेती हूँ
Indu Singh
यह मत
यह मत
Santosh Shrivastava
******** रुख्सार से यूँ न खेला करे ***********
******** रुख्सार से यूँ न खेला करे ***********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*जहॉं पर हारना तय था, वहॉं हम जीत जाते हैं (हिंदी गजल)*
*जहॉं पर हारना तय था, वहॉं हम जीत जाते हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
कहते हैं
कहते हैं
हिमांशु Kulshrestha
प्रेम
प्रेम
Shyam Sundar Subramanian
कुछ ये हाल अरमान ए जिंदगी का
कुछ ये हाल अरमान ए जिंदगी का
शेखर सिंह
दिए जलाओ प्यार के
दिए जलाओ प्यार के
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
भय दिखा कर कोई महान नहीं हो सकता है, हां वो प्रेमपूर्ण होने
भय दिखा कर कोई महान नहीं हो सकता है, हां वो प्रेमपूर्ण होने
Ravikesh Jha
लम्हा लम्हा कम हो रहा है
लम्हा लम्हा कम हो रहा है
Rekha khichi
क़ाफ़िया तुकांत -आर
क़ाफ़िया तुकांत -आर
Yogmaya Sharma
पानी जैसा बनो रे मानव
पानी जैसा बनो रे मानव
Neelam Sharma
Loading...