वैताल छन्द
कामरूप वैताल छन्द
9,7,10 अंत 21
माँ द्वार आया, भक्त तेरे, पूर्ण कर दो आस।
सब कष्ट मेरे, दूर करदे, चैन की दो स्वांस।
नित ध्यान करके, आरती माँ, मैं करूँ गुणगान।
मां दोष सारे, नष्ट करके, दीजिये शुभज्ञान।
कामरूप वैताल छन्द
9,7,10 अंत 21
माँ द्वार आया, भक्त तेरे, पूर्ण कर दो आस।
सब कष्ट मेरे, दूर करदे, चैन की दो स्वांस।
नित ध्यान करके, आरती माँ, मैं करूँ गुणगान।
मां दोष सारे, नष्ट करके, दीजिये शुभज्ञान।