“वैतरणी”
किसी ने बताया नहीं आज तक
वैतरणी को देखकर
कि कितनी लम्बी-चौड़ी है
किस चीज से बनी है
लकड़ी से, पत्थर से,
कांक्रीट या संगमरमर से?
कहाँ से कहाँ तक बही है,
दिशा उल्टी है कि सही है?
मगर हमने देखे हैं यहीं पर
अति प्रदूषित नदियाँ,
गुणवत्ता-विहीन पुलिया
बजबजाती हुई ढेरों नालियाँ।
इन नदियों, पुलों, नालियों को
कभी पार करके दिखाना,
बाकी डराने वाली बातें
हमेशा के लिए भूल जाना।
-डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य और लेखन के लिए
लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड-2023 प्राप्त।