वेश्या का दर्द
दिखावे की जिन्दगी
कब तक जिते रहे
दर्द छुपाकर कब तक
झूठी हँसी हँसते रहे
आखिर हम भी तो इंसान है
रोने की इच्छा होती है
आँसु छुपाकर कब तक
पत्थर सी बूत बनकर रहे।
~अनामिका
दिखावे की जिन्दगी
कब तक जिते रहे
दर्द छुपाकर कब तक
झूठी हँसी हँसते रहे
आखिर हम भी तो इंसान है
रोने की इच्छा होती है
आँसु छुपाकर कब तक
पत्थर सी बूत बनकर रहे।
~अनामिका