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2 Feb 2020 · 1 min read

वेआवरू

लुटा दी लाख दौलत उसने
एक जिस्म को नंगा करने के लिये
पर वो मां-बाप का तन न ढक सका

उड़ा दी जिंदगी भर की मेहनत
उसने किसी कोठे पर अय्याशी में
पर वो कभी भूखे का पेट न भर सका

वेगम,बच्चे और अपने भी थे
वेशुमार मोहब्बत करने के लिये
पर उसे तो अय्याशी का धंधा पसंद आया

ये जो बरसात सी कर रहा है
तवायफों की गलियों में प्यार की
वो अपने घर एक बूंद भी न बर्षा सका

वेखॉफ शायर :-
? राहुल कुमार सागर ?
बदायूंनी

1 Like · 1 Comment · 261 Views
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