वृद्धाश्रम
आजकल की दौड़ धूप भरी जिन्दगी के अलावा मौजपरस्ती भी अपने बुजुर्गों के वृद्धाश्रम में रहने का कारण है नवीन पीढ़ी नहीं चाहती कि उनके सोच , विचारों और रहन सहन के तौर तरीकों में कोई अवरोध हो , स्वच्छन्दता प्रिय नवीन पीढ़ी को बुजुर्ग नहीं भाते । यही वजह है कि आश्रम की पनाह लेनी पड़ती है । कई बार बेटा भी बहूँ को इग्नोर नहीं कर पाता परिणामस्वरूप दबाव के रहते हुए बुजुर्गों को वृद्धाश्रम में शरण लेनी पड़ती है ।