वीर रस
चीते की चाल हो, सिंह की दहाड़ हो।
रहो तुम साथ मेरे जैसे नाव की पतवार हो।
बुलंद हो हौसला लक्ष्य हमारा साफ हो।
उम्मीद की किरण हमेशा हमारे साथ हो।
हम कभी रुके नहीं हम कभी झुके नहीं।
करे डट कर सामना शक्ति हमारे पास हो।
हो डगर में रुकावटें बढ़ने की आस हो।
दुआ रहे न रहे बस माँ हमेशा साथ हो।