विस्तार बढ़ेगा शिक्षण का…
मनमें सींचो बोल,
तो होंगी फसल शब्दों की…
बहेंगे शब्द तो होंगी विचारो की उत्पत्ति !!
मिलेंगे तर्कों से तर्क तो ‘मोल’ होगा वाक्य का..!
वाक्य से वाक्य का मिलन होगा,
तो बनेंगी रचनाये अनेकानेक !!
रचना के महा धोधमें होगा सर्जन नित नया नया..
और.. विस्तार बढ़ेगा शिक्षण का…!!