विषय-मेरा जीवनसाथी।
विषय-मेरा जीवनसाथी।
शीर्षक-मेरा अटूट हिस्सा होना चाहिए।
विद्या-कविता।
जीवन कटे न अकेले, इसलिए मन साथ चाहता है।
सुने हाथों में एक अपने का, हाथ चाहता है।
जीवनसाथी भले ही है, एक शब्द-मात्र सुनने में।
पर होती बहुत मुश्किल,
जीवनसाथी चुनने में।
हो जो हमें समझने वाला, वही सही है।
जिसने मेरे दिल की बात,
अपने दिल से कही है।
जो दुनिया के झूठ से सदा,दूर रहे।
न किसी असत्य के सामने,मजबूर रहे।
मेरा जीवनसाथी,मुझ पर विश्वास रखे।
मेरा जीवनसाथी, प्यारे अहसास रखे।
मेरा जीवनसाथी,मेरे जीवन में जीवन जैसा हो।
मेरा जीवनसाथी,फूलों के खिलते चमन जैसा हो।
मेरे दुःख समझे, मेरे दर्द जाने।
मेरे सुख समझे,सच्ची हँसी जाने।
मेरे जीवनसाथी में मेरी जिंदगी का,हर एक किस्सा होना चाहिए।
मैं बनूँ उसका अटूट हिस्सा, वो भी मेरा अटूट हिस्सा होना चाहिए!
प्रिया प्रिंसेस पवाँर
स्वरचित,मौलिक
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