Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 1 min read

विषय-मेरा जीवनसाथी।

विषय-मेरा जीवनसाथी।
शीर्षक-मेरा अटूट हिस्सा होना चाहिए।
विद्या-कविता।

जीवन कटे न अकेले, इसलिए मन साथ चाहता है।
सुने हाथों में एक अपने का, हाथ चाहता है।

जीवनसाथी भले ही है, एक शब्द-मात्र सुनने में।
पर होती बहुत मुश्किल,
जीवनसाथी चुनने में।

हो जो हमें समझने वाला, वही सही है।
जिसने मेरे दिल की बात,
अपने दिल से कही है।

जो दुनिया के झूठ से सदा,दूर रहे।
न किसी असत्य के सामने,मजबूर रहे।

मेरा जीवनसाथी,मुझ पर विश्वास रखे।
मेरा जीवनसाथी, प्यारे अहसास रखे।

मेरा जीवनसाथी,मेरे जीवन में जीवन जैसा हो।
मेरा जीवनसाथी,फूलों के खिलते चमन जैसा हो।

मेरे दुःख समझे, मेरे दर्द जाने।
मेरे सुख समझे,सच्ची हँसी जाने।

मेरे जीवनसाथी में मेरी जिंदगी का,हर एक किस्सा होना चाहिए।
मैं बनूँ उसका अटूट हिस्सा, वो भी मेरा अटूट हिस्सा होना चाहिए!

प्रिया प्रिंसेस पवाँर
स्वरचित,मौलिक
C R

2 Likes · 109 Views

You may also like these posts

सच तो हम सभी होते हैं।
सच तो हम सभी होते हैं।
Neeraj Agarwal
"कुछ तो गुना गुना रही हो"
Lohit Tamta
शोर से मौन को
शोर से मौन को
Dr fauzia Naseem shad
Patience and determination, like a rock.
Patience and determination, like a rock.
Manisha Manjari
"जीने के लिए "
Dr. Kishan tandon kranti
मंजिल की तलाश में
मंजिल की तलाश में
Praveen Sain
तन से अपने वसन घटाकर
तन से अपने वसन घटाकर
Suryakant Dwivedi
सपना
सपना
Lalni Bhardwaj
बहशीपन की हद पार कर गया आदमी ,
बहशीपन की हद पार कर गया आदमी ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
वफ़ा के बदले हमें वफ़ा न मिला
वफ़ा के बदले हमें वफ़ा न मिला
Keshav kishor Kumar
मां वो जो नौ माह कोख में रखती और पालती है।
मां वो जो नौ माह कोख में रखती और पालती है।
शेखर सिंह
हर आदमी का आचार - व्यवहार,
हर आदमी का आचार - व्यवहार,
Ajit Kumar "Karn"
जिस अयोध्या नगरी और अयोध्या वासियों को आप अपशब्द बोल रहे हैं
जिस अयोध्या नगरी और अयोध्या वासियों को आप अपशब्द बोल रहे हैं
Rituraj shivem verma
धर्म भी अजूबा है।
धर्म भी अजूबा है।
Acharya Rama Nand Mandal
तुम्हें भूल नहीं सकता कभी
तुम्हें भूल नहीं सकता कभी
gurudeenverma198
करूणा का अंत
करूणा का अंत
Sonam Puneet Dubey
जिसका समय पहलवान...
जिसका समय पहलवान...
Priya princess panwar
निरंकारी महिला गीत
निरंकारी महिला गीत
Mangu singh
'दीप' पढ़ों पिछडों के जज्बात।
'दीप' पढ़ों पिछडों के जज्बात।
Kuldeep mishra (KD)
नव अंकुर स्फुटित हुआ है
नव अंकुर स्फुटित हुआ है
Shweta Soni
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अच्छा लगता है
अच्छा लगता है
Jyoti Roshni
कितनी निर्भया और ?
कितनी निर्भया और ?
SURYA PRAKASH SHARMA
रंग जिन्दगी का
रंग जिन्दगी का
Ashwini sharma
4522.*पूर्णिका*
4522.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भारत अखंड है, अखंड ही रहेगा
भारत अखंड है, अखंड ही रहेगा
Harinarayan Tanha
*Relish the Years*
*Relish the Years*
Poonam Matia
कलिपुरुष
कलिपुरुष
Sanjay ' शून्य'
*अच्छा रहता कम ही खाना (बाल कविता)*
*अच्छा रहता कम ही खाना (बाल कविता)*
Ravi Prakash
मतलबी लोग मतलबी दुनिया। तुझसे उम्मीद इतनी थी दुनिया। पास ज़र हो तो सारे अपने हैं। वरना लगती है अजनबी दुनिया। सबके रंजो आलम की बाइस है। किसको देती है यह खुशी दुनिया
मतलबी लोग मतलबी दुनिया। तुझसे उम्मीद इतनी थी दुनिया। पास ज़र हो तो सारे अपने हैं। वरना लगती है अजनबी दुनिया। सबके रंजो आलम की बाइस है। किसको देती है यह खुशी दुनिया
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
Loading...