विषय पंक्ति- स्वच्छ रहे परिवेश
विषय पंक्ति- स्वच्छ रहे परिवेश
दिन -शनिवार
दिनाँक- 26/12/2020
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सुंदर स्वच्छ शहर हो अपना!
चलो सजाएँ मिल के सपना!!
तय करे सब की जिम्मेदारी!
जन-जन की हो भागीदारी!!
कुड़ा-कचरा बाहर ना फेकें!
कुड़े-दान की शोभा सहेजे!!
रोगमुक्त रहे सदा हमारा देश!
निशदिन स्वच्छ रहे परिवेश!!
प्रति आनन मुस्कान खिलेगी!
शुद्ध वायु जो तन को मिलेगी!!
तरु भी नित नवगान करेंगे!
खुश हो मेघ आव्हान करेंगे!!
प्रकृति रक्षण का देंगे संदेश!
निशदिन स्वच्छ रहे परिवेश!!
प्रण लेते हम आज यहाँ पर!
स्वर्ग बसाएंगे इस जहां पर!!
ना हम बद करें,ना करने देंगे!
जन जागृत की अलख भरेंगे!!
बहे सरिता की निर्मल धारा!
वृक्षारोपण से दें इसे सहारा!!
सद् आदतों का हो समावेश!
निशदिन स्वच्छ रहे परिवेश!!
रेखा कापसे “होशंगाबादी”
होशंगाबाद मध्यप्रदेश
रचना पूर्णतः मौलिक स्वरचित हैं
सर्वाधिकार सुरक्षित