विषय-दो अक्टूबर है दिन महान।
विषय-दो अक्टूबर है दिन महान।
विद्या-कविता।
रचनाकारा-प्रिया प्रिंसेस पवाँर
दो अक्टूबर है दिन महान।
जन्मे इस दिन गांधी जी, शास्त्री जी,
जिन्होंने बनाई भारत की शान।
दिलाई आजादी,दूर कर जुल्म की आँधी।
देश के कण-कण में भरी जागृती,
ऐसे महान थे महात्मा गांधी।
अथक किया परिश्रम,
न देखे दिवस-रात्रि।
आजादी की राह पर चले,
लाल बहादुर शास्त्री।
गांधी जी ने भारत को,
अहिंसा का पाठ दिया।
अपने उच्च विचारों से,
जन-जन को जीत लिया।
परतंत्र भारत को,
स्वतंत्र भारत किया।
भारत देश ने गांधी जी को,
राष्ट्र पिता का नाम दिया।
शास्त्री जी का उध्दोष,
जय जवान जय किसान।
सादगी का दिया ज्ञान।
देशभक्ति की दिखाई आन।
ईमानदारी से बनाया सम्मान।
गांधी जी और शास्त्रीजी, दोनों महान थे।
देश के नाम पूर्ण जीवन करके,
बने भारत की आन बान शान थे।
इनकी महानता और त्याग,
सदैव एक पवित्र अगन है।
हर भारतवासी का इनको,
कोटि-कोटि नमन है।
प्रिया प्रिंसेस पवाँर
स्वरचित,मौलिक
सर्वाधिकार सुरक्षित
द्वारका मोड़,नई दिल्ली-78
विषय-दो अक्टूबर है दिन महान।
विद्या-कविता।
रचनाकारा-प्रिया प्रिंसेस पवाँर
दो अक्टूबर है दिन महान।
जन्मे इस दिन गांधी जी, शास्त्री जी,
जिन्होंने बनाई भारत की शान।
दिलाई देश को आजादी,
दूर कर जुल्म की आँधी।
देश के कण-कण में भरी जागृती,
ऐसे महान थे महात्मा गांधी।
अथक किया परिश्रम,
न देखे दिवस-रात्रि।
आजादी की राह पर चले,
लाल बहादुर शास्त्री।
गांधी जी ने भारत को,
अहिंसा का पाठ दिया।
अपने उच्च विचारों से,
जन-जन को जीत लिया।
परतंत्र भारत को,
स्वतंत्र भारत किया।
भारत देश ने गांधी जी को,
राष्ट्र पिता का नाम दिया।
शास्त्री जी का उध्दोष,
जय जवान जय किसान।
सादगी का दिया ज्ञान।
देशभक्ति की दिखाई आन।
ईमानदारी से बनाया सम्मान।
गांधी जी और शास्त्रीजी, दोनों महान थे।
देश के नाम पूर्ण जीवन करके,
बने भारत की आन बान शान थे।
इनकी महानता और त्याग,
सदैव एक पवित्र अगन है।
हर भारतवासी का इनको,
कोटि-कोटि नमन है।
प्रिया प्रिंसेस पवाँर
स्वरचित,मौलिक
सर्वाधिकार सुरक्षित
द्वारका मोड़,नई दिल्ली-78