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25 Jun 2021 · 2 min read

विषय कुछ ख़ास हो !

विषय कुछ ख़ास हो !
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गर कोई नई कविता लिखें
भाव पर ध्यान संकेंद्रित रखें
उसी भाव के इर्द-गिर्द ही रहें
सिर्फ़ शब्दों का जमावड़ा न करें।

शब्दों की ऐसी माला पिरोऍं
जो शीर्षक को चरितार्थ करे
रचना एक ऐसी सृजित करें
जो पूर्ण रूप से भावार्थ करे ।

जहाॅं पे सरल मृदुल शब्द ही सार्थक हों
वहाॅं पे कठिन शब्दों का प्रयोग ना करें
जिसे पढ़कर सबको ही समझ आ जाए
ऐसे ही सरल शब्दों का सदैव प्रयोग करें।

नैसर्गिक संसार के सारे दु:ख भूलकर ,
लिखते वक्त खुद को सबसे अलग कर ,
सार्थक प्रयास की ओर कदम बढ़ाकर ,
ख़्वाबों में अपने भावनाओं को सजाकर ,
कुछ ऐसा सृजन करने का प्रयास करें ,
जो सबकी अपेक्षाओं पे ही खड़े उतरे ।

किसी पक्षपात की बू तक नहीं आने दें
समरसता लाने का भरसक प्रयास करें
कल्पित शब्द-प्रयोग पर गहन चिंतन कर
अपनी लेखनी में सजाने का प्रयास करें ।

रचना ऐसी हो कि सबपे कुछ प्रभाव डाले
किसी के उदास मन में नई ऊर्जा भर डाले
या किसी के विह्वल मन में ठंडक भर दे
या किसी को देशभक्ति को प्रेरित कर दे ।

समाज के किसी वर्ग को ये अमान्य ना हो
अमीर,गरीब,पुरुष, स्त्री, सहर्ष स्वीकार करे
ऊंच-नीच, भेदभाव को ये अंगीकार ना करे
फैली कुरीतियों को सुधारने का आवाहन करे।

किसी धर्म विशेष की इसमें न कोई बात हो
बस हर दिल में उतरने की सुंदर जज़्बात हो
ज्ञान का प्रकाश हो, दिखाता सबको राह हो
आह्लादित हो हर मन,उमंग और उल्लास हो।

देश की एकता,अखंडता को जो अक्षुण्ण रखे
इससे ही मिलती-जुलती रचना में कुछ बात हो
काव्य रचना से ही युवाओं की विचारधारा बनती
इसीलिए इसके सृजन में विषय कुछ ख़ास हो ।।

स्वरचित एवं मौलिक ।

अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : २५/०६/२०२१.
“””””””””””””””””””””””””””””
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Language: Hindi
10 Likes · 8 Comments · 868 Views

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