विश्व पुस्तक मेला
पुस्तकों को इंसान का सबसे अच्छा दोस्त कहा जाता है। भारत में अच्छे लेखकों की कभी कमी नहीं रही। दुनिया भर की किताबें पाठकों तक सहजता से पहुँचे, इस उद्देश्य से भारत में सन् 1972 में पहली बार विश्व पुस्तक मेले का आयोजन किया गया।
18 मार्च से 4 अप्रैल 1972 तक दिल्ली के प्रगति मैदान में लगाये गये इस मेले में 200 से अधिक प्रकाशकों ने भाग लिया था। तत्कालीन राष्ट्रपति वी.वी. गिरि ने इसका उद्घाटन किया था। इसके बाद पूरे पचास बरस से भी अधिक समय से विश्व पुस्तक मेले का आयोजन पूरी भव्यता के साथ किया जा रहा है। कोविड काल में अन्य गतिविधियों की तरह इसके आयोजन में भी व्यवधान उत्पन्न हुआ था।
इस वर्ष यानी 2024 में विश्व पुस्तक मेले का आयोजन नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 10 फरवरी से 18 फरवरी तक (9 दिवस) तक हुआ। यह एशिया का सबसे बड़ा पुस्तक मेला था।
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
भारत भूषण सम्मान प्राप्त।