विश्व जल दिवस
सन् 1992 में पहली बार ब्राजील के रियो डी जेनेरो में पर्यावरण और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन की अनुसूची-21 में जल सम्बन्धी विषय को आधिकारिक रूप से जोड़ा गया। सन् 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा जल का महत्व, आवश्यकता और संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रत्येक वर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई।
आज समय की मांग है कि हम सब वैश्विक जल संरक्षण के वास्तविक क्रियाकलापों को प्रोत्साहन प्रदान करने का संकल्प करें। और, यह याद रखें कि जल के बिना जीवन सम्भव नहीं है। ‘पानी की पुकार’ भी यही है :
जिसे अब तलक ना समझे
मैं वो कहानी हूँ,
मुझे बरबाद ना करो
मैं पानी हूँ।
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
भारत के 100 महान व्यक्तित्व में शामिल
एक साधारण व्यक्ति।