विश्व जनसंख्या दिवस
हमने तो सदा बदल लिए जीवन परिवेश!
‘बस दो या तीन बच्चे ,होते है घर मे अच्छे!’
फिर ‘हम दो -हमारे दो’, सरकारी था संदेश!!
परिवर्तन मे मिला’हम दोनो एक हमारा एक!’
मनसा-वाचा कर्मणा अंगीकृत किया उपदेश!!
फिर क्यू हो रहा भारत मे जनसंख्या विस्फोट?
जो है उत्तरदायी ,क्यू नही होती उन पर कोई चोट?
तुष्टीकरण की उत्तरदाई राजनीति देती है संदेश!!
समाप्त करो फ्री राशन -पानी बाटने का उपदेश!
जिसका जितना अंशदान,उसकी उतनी हिस्सेदारी,
समान आचार संहिता देगी स्वतः ही जीवन परिवेश!!