विश्व अॉटिज्मजागरूकता दिवस- 2 अप्रैल
मत घूमों समस्या के आंगन,
अवसाद कर दो तुरंत विसर्जन,
कोशिश करो जड़ें ना जमा पाए मन,
बना लो अॉटिज्म को वरदान,
उसके प्रभाव पर न दो ध्यान,
कोई न कोई दरवाजा खुला रहता है,
विकसित रखो अपना ज्ञान,
कुछ तो है तेरे भीतर उसे लाओ बाहर
ऐसे वैसे नहीं है तू ,तू तो है सबसे खास
अवसादों से घिर मत कर जीवन बर्बाद
गंवाने का नहीं पाने,का ही है जगधाम
एक डाल पर ही नहीं सोता पंछी
दूसरी डाल पर भी करता डेरा,
कहींतो मिलता है उसको बसेरा।
तु तो मानुष हो,समझ को रख घनेरा
– सीमा गुप्ता ,अलवर