“विश्वास”
“विश्वास”
एक ऐसा हमदर्द
जिसका होना ज़रूरी है ,
ज़िंदगी के हर कदम पर ,
अपनों पर ,
अपने सपनों पर ,
अपने कर्मों पर ,
अपने वजूद पर ,
अपनी कोशिश पर ,
अपनी हस्ती पर ,
और सब से बढ़कर स्वयं पर l
क्योंकि ज़िंदगी की यात्रा में
कोई और हो ना हो
विश्वास होना ज़रूरी है l”
नीरज कुमार सोनी
“जय श्री महाकाल”