विश्वास प्रभु राम पर
विश्वास प्रभु राम पर
सहारे जब तुम्हारे कोई भी काम ना आएं
भटके हुए मन को कहीं आराम ना आए
उलझी हो जिंदगी जब किसी दीराहे पर
स्मरण प्रभु राम का ही नैय्या पार लगाए।
हो जाए जब मानव ही मानव का दुश्मन
प्रेम और सौहार्द का छोड़ दे जब वो दामन
सभ्यता भूल जाए जब प्रेम की परिभाषा
विश्वास प्रभु राम पर ही हमें जीना सिखाए।
संजय श्रीवास्तव
बालाघाट (मध्यप्रदेश)