विश्वास करो
विश्वास रखोगे तो सितारे बदल जायेंगे
काले बादल हैं दो दिन के, छंट जायेंगे
जो रास्ता रोकने को तुम्हारा खड़े हैं
आगे कदम बढ़ाओ वो खिसक जायेंगे
ज्यादा न जुल्फों को खुला छोड़िए
भंवरे भी हैं बाग में मचल जायेंगे
सारे मारे हुए हैं आपके हुस्न के
आपकी एक झलक को खिंचे आयेंगे
डा। राजीव “सागरी”