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10 Mar 2018 · 1 min read

विश्वाश

वो विश्वास मेरा तोड़ गये

■जिसे समझा था अपना वो बेवफा गये,,,
दुनिया की भीड़ से कही और खो गये।

■क्या कहे कैसे कहे कितना ढूंढा है उनको,,,,,
पता चला कि वो किसी गैर की बाहों में सो गये।

■हम सिहर उठे देख उन्हें गैरो के मकां में,,,,,
दिल का हाल हम खुद का ही बुरा कर गये।।।

■विश्वाश का मेरा वो खून कर गये,,,,
जीते जी सितम ये रंज से मेरा नाता जोड़ गये।।

■उनकी बेवफाई को हम सीने में दफन कर गये,,,,,
खुश रहे सदा वो इस लिये सारे गम दर्द हम सह गये।

■आज भी सीने में धड़कन उनके लिये धड़कती है,,,
पर सारी उम्र के लिये वो हमसे रुसवा हो गये।।

गायत्री सोनू जैन
सहायक अध्यापिका मन्दसौर
मोबाइल नंबर 7772931211
कॉपीराईट सुरक्षित

Language: Hindi
220 Views
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