Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 May 2024 · 1 min read

विवेक

प्राण तत्व में एक विशेष तत्व है
जिसे बुद्धि तत्व कहते हैं।
पर इसे नियंत्रित करने वाला ही
विवेक तत्व कहलाता है।
यही तो है जो यह बतलाता
क्या सही और क्या गलत है
जहाँ सत्य है वहीं पर रहता यह
बुद्धि से सही काम कराता है ‌।
सतयुग में थी इसकी अधिकता
त्रेता में थोड़ा कम हुआ पर
द्वापर में आधा रह गया।
कलयुग की तो बात करें क्या
विवेक कहाँ अब मिलता है।
कलयुग की यही विडम्बना बना है
बुद्धि तो है विवेक नहीं है।
थोड़ा बहुत बचा है बस यह जो
दुनिया को चला रहा है।
जिस दिन विवेक चला गया समझो
क्या कहने की आवश्यकता है?

-विष्णु प्रसाद ‘पाँचोटिया’

Language: Hindi
1 Like · 98 Views

You may also like these posts

जय श्री राम
जय श्री राम
Er.Navaneet R Shandily
धन से आप दुनिया की कोई भी वस्तु खरीद सकते है।
धन से आप दुनिया की कोई भी वस्तु खरीद सकते है।
Rj Anand Prajapati
झोला
झोला
RAMESH Kumar
बेखबर को
बेखबर को
सिद्धार्थ गोरखपुरी
ले लो आप सब ज़िंदगी के खूब मजे,
ले लो आप सब ज़िंदगी के खूब मजे,
Ajit Kumar "Karn"
शिव स्तुति
शिव स्तुति
मनोज कर्ण
*महाराजा अग्रसेन या भगवान अग्रसेन*
*महाराजा अग्रसेन या भगवान अग्रसेन*
Ravi Prakash
दिल में खिला ये जबसे मुहब्बत का फूल है
दिल में खिला ये जबसे मुहब्बत का फूल है
Dr Archana Gupta
3868.💐 *पूर्णिका* 💐
3868.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
बच्चे ही अच्छे हैं
बच्चे ही अच्छे हैं
Diwakar Mahto
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
दोहा
दोहा
seema sharma
Teacher (गुरु मां)
Teacher (गुरु मां)
Sneha Singh
ग़ज़ल-समय की ताल पर
ग़ज़ल-समय की ताल पर
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
गीत- जताकर प्यार दिल से तू...
गीत- जताकर प्यार दिल से तू...
आर.एस. 'प्रीतम'
गुरुवर डे (शिक्षक दिवस)
गुरुवर डे (शिक्षक दिवस)
जय लगन कुमार हैप्पी
अंदाज़-ऐ बयां
अंदाज़-ऐ बयां
अखिलेश 'अखिल'
प्रेम की डोर सदैव नैतिकता की डोर से बंधती है और नैतिकता सत्क
प्रेम की डोर सदैव नैतिकता की डोर से बंधती है और नैतिकता सत्क
Sanjay ' शून्य'
Writing Academic Papers: A Student's Guide to Success
Writing Academic Papers: A Student's Guide to Success
John Smith
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
बल और बुद्धि का समन्वय हैं हनुमान ।
बल और बुद्धि का समन्वय हैं हनुमान ।
Vindhya Prakash Mishra
*Perils of Poverty and a Girl child*
*Perils of Poverty and a Girl child*
Poonam Matia
तुम बिन जाएं कहां
तुम बिन जाएं कहां
Surinder blackpen
तेरी उल्फत के वो नज़ारे हमने भी बहुत देखें हैं,
तेरी उल्फत के वो नज़ारे हमने भी बहुत देखें हैं,
manjula chauhan
जिंदगी को बोझ मान
जिंदगी को बोझ मान
भरत कुमार सोलंकी
दर्द को मायूस करना चाहता हूँ
दर्द को मायूस करना चाहता हूँ
Sanjay Narayan
"तकलीफों के साये"
Dr. Kishan tandon kranti
हम पर एहसान
हम पर एहसान
Dr fauzia Naseem shad
धार्मिक इतने बनो की तुम किसी का बुरा न कर सको
धार्मिक इतने बनो की तुम किसी का बुरा न कर सको
Sonam Puneet Dubey
अध्यात्मिक दृष्टिकोण से जीवन का उद्देश्य - रविकेश झा
अध्यात्मिक दृष्टिकोण से जीवन का उद्देश्य - रविकेश झा
Ravikesh Jha
Loading...