विवेकानंद जी के जन्मदिन पर
आज के दिन पावन अवसर,
पर जन्मा एक सितारा था
भारतीय ज्ञान और योग वेदांत,
जिसने दुनिया में पहुंचाया था
पीड़ित मानवता को जिसने,
नई दिशा दिखलाई थी
अपनी ओजपूर्ण वाणी से,
भारत की, की अगवाई थी
आत्म चेतना उन्नति की जिनने,
दुनिया में अलख जगाई थी
भारतीय ज्ञान योग वेदांत को,
जिनने दी ऊंचाई थी
वे जागे हुए महान शिक्षक थे,
युवाओं को जिनने जगाया था
राष्ट्रभक्ति और कर्म योग का,
सुंदर पाठ पढ़ाया था
अज्ञान दरिद्रता भय जड़ता,
मन से दूर भगाई थी
दरिद्र दीन हीन की सेवा,
नारायण सेवा बतलाई थी
आज भी जो युवा शक्ति,
विवेकानंद को पड़ती है
उनके बताए मार्ग को,
अपने अंतस में भरती है
एक सफल जीवन जीकर,
मानवता की सेवा करती है
स्वामी जी की शिक्षाएं,
आज बड़ी प्रसांगिक हैं
इस अशांत होती दुनिया को
उनकी बड़ी जरूरत है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी