विविध छंद
!!श्रीं !!
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नित छंद- 12 मात्रा, मापनी युक्त
लगा लगा लगा लगा
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खिले कली न तोड़ना ।
करे विकास सोचना ।।
यही सुनो सुकर्म है ।
जियें सभी सुधर्म है ।।
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शिव छंद- 11 मात्रा , मापनीयुक्त
गाल गाल गाल गा
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द्रव्य दान दीजिये ।
मत बखान कीजिये ।।
मौन श्रेष्ठ साधना ।
सत्य की उपासना ।।
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सोमराजी – 6 वर्ण, मापनीयुक्त
लगागा लगागा
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कभी तो रुकोगे ।
कहीं तो थकोगे ।।
स्वयं को सँभालो ।
बचे जो बचा लो ।।
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महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा ।
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