विवाह की रस्में
मेंहदीं का रंग, खिलता है सबके संग,
पति के प्यार में, प्यार के इकरार में,
बहनों के दुलार में, जीजा के हँसी मज़ाक में,
दोस्तों की छेड़छाड़ में, उनकी शरारत में,
भाई-भाभी की सलाह में, भतीजे-भतीजी की फरमाइश में,
मम्मी-पापा और नाना-नानी के आशीर्वाद में,
मामा-मामी, ताऊ-ताई, बुआ- फूफा, मौसा- मौसी की उम्मीदों में,
गहराता है हर बीतते पल, भरता जीवन में हर रंग,
मेंहदीं का रंग, खिलता है सबके संग।
चाक – भात
भाई-बहन का नाता जन्म से जुड़ा, जिंदगीभर का साथ,
बचपन की शरारत, रक्षाबंधन का त्योहार, रिश्ता होता पूर्ण जब भरता भाई भात।
बहन करे दुआ, भाई की लंबी उम्र हो खुशहाल।
भाई दे आशीर्वाद, बहन के जीवन में खुशियाँ हो अपरम्पार।
हल्दी
हल्दी का रंग, चढता है ऐसे,
होली के रंगों में सरोबार हो जैसे।
एक दूजे को पूर्ण बनाता है ऐसे,
सात जन्मों के बंधन में बांधे वैसे।
बान
शादी की रस्मों की होती कई किसमें,
तेल-बान है उनमें निराली रस्म,
जिसमें योगदान करते सब रिश्ते।
तेल चढाते और उतारते, जोड़ी से झोल डालते,
बुआ करे आरता और मामा पाटड़ा उतारते।
गोद भराई
लड़के वालों का प्यार देखो है निराला,
कैसे हमारी बेटी को अपना डाला।
कर श्रींगार, की उसकी गोद भराई,
दिल और खुशी से हमारी बेटी अपनाई।
लुटाया इतना प्यार,
मिला बिटिया को दूसरा परिवार।
मामा फेरे
नई रस्म ने किए रिश्ते गहरे,
पहली बार देखे हमने मामा फेरे।
दिया भरपूर आशीर्वाद मामा-मामी ने,
अपनाकर जमाई-बेटे को आपने जीवन में।
लगन – टिक्का
लगन पत्रिका है बड़ा ही शुभ प्रसंग,
अपना बेटे को जमाई रूप में होते सब प्रसन्न।
ससुर करे टिक्का और अपनाये बेटी का वर,
बहने करें न्यौछावर, उतारें जीजाजी की नज़र।
वरमाला
वर – वधू वर रहे एक दूजे को वरमाला के संग,
बंधा रहे इनका जीवन और परिवार माला के मनकों के संग।
सगे संबंधी और परिवार दे रहे अपना आशीर्वाद,
ख़ुशहाल रहे इनका जीवन, सात जन्म।