विलुप्त होती प्रजातियां
सुना है….
कभी हुआ करते थे डायनासोर
कई कई फीट ऊंचे,
कोतुहालवश देख ली
जुरेसिक पार्क भी….
बाघ भी सुना ख़तम हो रहे हैं
संरक्षण को उनके
कई कार्यक्रम चल रहे हैं
शायद बच ही जाएं…
और वो नन्हीं चिड़िया
जिसके पर रंग देते थे
हम बचपन की मस्ती में,
वो भी तो कम हो रही हैं
मुहीम तो चल रही
उन्हें भी बचाने की
शायद बच ही जाएं…
विलुप्त हो रही कुछ
और भी हैं प्रजातियां….
जो शायद न बच पाए
आने वाले सालों में…
जैसे बुआ ,चाची
और मासियां
देखने उनको जाना पड़ेगा
फिर सिनेमा हालों में….