Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Dec 2018 · 1 min read

विरह गीत ( हे प्रिय! अब तो आ जाओ तुम )

हे प्रिय !
घनघोर घटाएँ छा गई
आज नील गगन में
रिमझिम बरसे मेघा
ऋतु पावन सावन में
हर तरफ फैली हरियाली
सूखा पड़ा है मेरे मन में
खुशियों की हरियाली लेकर
हे प्रिय ! अब तो आ जाओ तुम।

सावन के झूलों ने
आज आवाज लगाई है
सखियों के चेहरे पर
मधुर मुस्कान छाई है
मेरा हृदय बुझा दीप सा
तेरी याद सताती है
बारिश की शीतल बूंदों ने
तपन हृदय की बढ़ाई है
अपने मधुर स्पर्श से भर दो
चेतना मेरे तन मन में
बहा दो सुगंध मन सुमन में
हे प्रिय ! अब तो आ जाओ तुम।

मोर पपीहा नाचे छम छम
बुझता जाए मेरा मन
करे ठिठोली सखियाँ मुझसे
कहाँ गया तेरा प्रीतम
रह रह आँसू बहे आँख से
भीग रहा मेरा दामन
बाहों का ये हार लिए
हे प्रिय ! अब तो आ जाओ तुम ।

निष्प्राण हो गई आज मैं
प्राण पियारे यहाँ नहीं
क्या जीना इस सावन में
जो प्रीतम का साथ नहीं
पथराई आँखों में भर दो
स्व स्नेह का अंजन
साँसों में साँसों से भर दो
नव जीवन का यौवन
हे प्रिय ! अब तो आ जाओ तुम

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 502 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
.        ‼️🌹जय श्री कृष्ण🌹‼️
. ‼️🌹जय श्री कृष्ण🌹‼️
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
World Blood Donar's Day
World Blood Donar's Day
Tushar Jagawat
बहुत वो साफ सुधरी ड्रेस में स्कूल आती थी।
बहुत वो साफ सुधरी ड्रेस में स्कूल आती थी।
विजय कुमार नामदेव
अजीब बात है
अजीब बात है
umesh mehra
!! प्रार्थना !!
!! प्रार्थना !!
Chunnu Lal Gupta
कोई शाम आयेगी मेरे हिस्से
कोई शाम आयेगी मेरे हिस्से
Amit Pandey
23/151.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/151.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*विभीषण (कुंडलिया)*
*विभीषण (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
भौतिकता
भौतिकता
लक्ष्मी सिंह
योग
योग
जगदीश शर्मा सहज
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
बोये बीज बबूल आम कहाँ से होय🙏🙏
बोये बीज बबूल आम कहाँ से होय🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
वो काल है - कपाल है,
वो काल है - कपाल है,
manjula chauhan
दिलबर दिलबर
दिलबर दिलबर
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कांग्रेस के नेताओं ने ही किया ‘तिलक’ का विरोध
कांग्रेस के नेताओं ने ही किया ‘तिलक’ का विरोध
कवि रमेशराज
■ सीधी बात, नो बकवास...
■ सीधी बात, नो बकवास...
*Author प्रणय प्रभात*
हारो बेशक कई बार,हार के आगे झुको नहीं।
हारो बेशक कई बार,हार के आगे झुको नहीं।
Neelam Sharma
"विषधर"
Dr. Kishan tandon kranti
इतनी उम्मीदें
इतनी उम्मीदें
Dr fauzia Naseem shad
नववर्ष।
नववर्ष।
Manisha Manjari
पथिक आओ ना
पथिक आओ ना
Rakesh Rastogi
जाने वाले साल को सलाम ,
जाने वाले साल को सलाम ,
Dr. Man Mohan Krishna
*जय सियाराम राम राम राम...*
*जय सियाराम राम राम राम...*
Harminder Kaur
24)”मुस्करा दो”
24)”मुस्करा दो”
Sapna Arora
विश्वगुरु
विश्वगुरु
Shekhar Chandra Mitra
शादी की उम्र नहीं यह इनकी
शादी की उम्र नहीं यह इनकी
gurudeenverma198
*शहर की जिंदगी*
*शहर की जिंदगी*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
सावन‌ आया
सावन‌ आया
Neeraj Agarwal
युग युवा
युग युवा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मेरा शहर
मेरा शहर
विजय कुमार अग्रवाल
Loading...