विभाजन की विभीषिका
मजहबी उन्माद ने ऐसा,मेरे भारत में जहर भरा
भारत पाकिस्तान बना ,टुकड़ों में बंट गई धरा
टूट गया गांधी का सपना, लाशों से मेरा देश पटा
गहरे घाव दे गई त्रासदी, मानवता का गला घुटा
बीस लाख निर्दोषों का, मजहब के नाम पर कत्ल हुआ
डेढ़ करोड़ का दर दैर लुटा, सबसे बड़ा पलायन हुआ
मानव इतिहास में पलायन की,सबसे बड़ी त्रासदी थी
यही त्रासदी आतंकवाद की, सबसे बड़ी वजह बनी
मजहबीकट्टरता आज भी, कई क्षेत्रों में उफान पर है
हिंदू आबादी चरमपंथ के,आज भी मुख्य राडार पर है
मारे जाते हैं निर्दोष नागरिक ,मजहब के नाम पर चुन-चुन कर
कितना बड़ा देश था मेरा,बांट दिया टुकड़े कर
चरमपंथ उफान पर है,सारी दुनिया और देश में
घूम रहे हैं आज भेड़िए, मानुष तन के वेश में
खत्म हुई हिंदू आबादी,पाक और अफगान में
आज भी हमले जारी हैं, बांग्लादेश के भाल में
सुरेश कुमार चतुर्वेदी