विभत्स रस आधारित
विभत्स रस आधारित
रक्त रंजित थी धरा,
मुंड मुंड से पड़े हुए
कुरूक्षेत्र में थी युद्ध
मांस पड़ी सड़े गले
कंकाल तंत्र अनगिन
दुर्गंध युक्त थे पड़े हुए
नाक सिकोड़ मुंह मोड़
वीर सपूत थे अड़े हुए
मार , मार काट, काट
भरते थे सब हुंकार
थी युद्ध वहां विभत्स
था घृणित दशा तकरार
श्मशान बना था कुरूक्षेत्र
वहां बह रही थी कुछ लाशें
चला था युद्ध महा भयंकर
अटक रहा था कुछ स्वांसे
दुर्गंध घृणित रक्त युक्त था
मक्खियों का बसेरा था
विभत्स रस का वातावरण
मानो फट रहा कलेजा था
डॉ विजय कुमार कन्नौजे अमोदी आरंग ज़िला रायपुर छ ग