विपक्ष भारत का
जबकि पूरा भारत , वर्षा बाढ़ की सांसत में हैं।
विरासत की सियासत करने वाले आफत में हैं।।
चौटाला बादल लालू, सब पार्थ को अर्पिता है।
सोनिया नबाब माया, राहुल तो घोटालों के पिता है।।
सत्ता में रहकर जिसने, बेईमानी भ्रष्टाचार किए ।
जनता की परवाह न की, केवल उनको वादे दिए।।
संविधान को जिन लोगो ने, घर की डायरी बना दिया था।
उनसे कोई यह पूछे, कहां, लोकतंत्र को छुपा दिया था।।
खुद का पिछवाड़ा गरम हो रहा, ई डी और सी बी आई से।
न्यायपालिका न्याय कर रहा, अन्वेषण हुआ बड़ी कड़ाई से ।।
खुद को फसता देख निक्कमे, सब सड़कों पर उतर गए।
याद आ गई उन मासूमों की, जिनके पर खुद कतर गए।।
इन सबको तुम माफ न करना, ये सब भ्रष्ट दरिंदे है।
रावण, कंस, जरासंध, तो कुछ धृतराष्ट्र सरीखेअंधे है।।
जय सियाराम