विनाश चक्र
वर्तमान की त्रासदी में हम घर में बैठे बंद ।
सोचा ना था ऐसा भी होगा लगेगा ऐसा प्रतिबंध ।
दिन भर सोचते ही रहते दिमाग पड़ने लगा कुंद ।
यह क्या हुआ? कैसे हुआ ? क्यों हुआ ?
कौन है इन सबके पीछे छुपा जिम्मेवार ?
किसने यह प्रपंच रच पैदा किया यह छद्मवेशी विषाणु कर रहा जो भीषण नरसंहार ?
वह नादान ये न समझ पाया जो विनाश चक्र उसने इस जगत में रचाया है ।
वह खुद भी उससे न बच पाया है। और इसमे अपनों को भी खोया है।
हे ईश्वर तू सद् बुद्धि दे मानव को ।
और नष्ट कर उसमें छिपे दानव को ।