Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Feb 2022 · 1 min read

विनम्रता

विनम्र रवैया सम्मान पैदा करने और लोगों का दिल जीतने में मदद करता है।

Language: Hindi
4 Comments · 210 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all
You may also like:
देश- विरोधी तत्व
देश- विरोधी तत्व
लक्ष्मी सिंह
बरसें प्रभुता-मेह...
बरसें प्रभुता-मेह...
डॉ.सीमा अग्रवाल
रिश्तों की कसौटी
रिश्तों की कसौटी
VINOD CHAUHAN
!! दो अश्क़ !!
!! दो अश्क़ !!
Chunnu Lal Gupta
न पाने का गम अक्सर होता है
न पाने का गम अक्सर होता है
Kushal Patel
काजल की महीन रेखा
काजल की महीन रेखा
Awadhesh Singh
हम वर्षों तक निःशब्द ,संवेदनरहित और अकर्मण्यता के चादर को ओढ़
हम वर्षों तक निःशब्द ,संवेदनरहित और अकर्मण्यता के चादर को ओढ़
DrLakshman Jha Parimal
बारिश के लिए
बारिश के लिए
Srishty Bansal
जिंदगी तूने  ख्वाब दिखाकर
जिंदगी तूने ख्वाब दिखाकर
goutam shaw
संवेदनशील होना किसी भी व्यक्ति के जीवन का महान गुण है।
संवेदनशील होना किसी भी व्यक्ति के जीवन का महान गुण है।
Mohan Pandey
55…Munsarah musaddas matvii maksuuf
55…Munsarah musaddas matvii maksuuf
sushil yadav
"सितम के आशियाने"
Dr. Kishan tandon kranti
घर सम्पदा भार रहे, रहना मिलकर सब।
घर सम्पदा भार रहे, रहना मिलकर सब।
Anil chobisa
आवारापन एक अमरबेल जैसा जब धीरे धीरे परिवार, समाज और देश रूपी
आवारापन एक अमरबेल जैसा जब धीरे धीरे परिवार, समाज और देश रूपी
Sanjay ' शून्य'
प्रेम
प्रेम
Pratibha Pandey
मैं घाट तू धारा…
मैं घाट तू धारा…
Rekha Drolia
ज़िन्दगी में किसी बड़ी उपलब्धि प्राप्त करने के लिए
ज़िन्दगी में किसी बड़ी उपलब्धि प्राप्त करने के लिए
Paras Nath Jha
साधना से सिद्धि.....
साधना से सिद्धि.....
Santosh Soni
18--- 🌸दवाब 🌸
18--- 🌸दवाब 🌸
Mahima shukla
चाय
चाय
Dr. Seema Varma
मिलते तो बहुत है हमे भी चाहने वाले
मिलते तो बहुत है हमे भी चाहने वाले
Kumar lalit
बहुत याद आएंगे श्री शौकत अली खाँ एडवोकेट
बहुत याद आएंगे श्री शौकत अली खाँ एडवोकेट
Ravi Prakash
बेबाक ज़िन्दगी
बेबाक ज़िन्दगी
Neelam Sharma
मन काशी मन द्वारिका,मन मथुरा मन कुंभ।
मन काशी मन द्वारिका,मन मथुरा मन कुंभ।
विमला महरिया मौज
अपनी वाणी से :
अपनी वाणी से :
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
اپنا پھر دینگے
اپنا پھر دینگے
Dr fauzia Naseem shad
"भाभी की चूड़ियाँ"
Ekta chitrangini
संवेदनहीन प्राणियों के लिए अपनी सफाई में कुछ कहने को होता है
संवेदनहीन प्राणियों के लिए अपनी सफाई में कुछ कहने को होता है
Shweta Soni
बिन फ़न के, फ़नकार भी मिले और वे मौके पर डँसते मिले
बिन फ़न के, फ़नकार भी मिले और वे मौके पर डँसते मिले
Anand Kumar
उसके कहने पे दावा लिया करता था
उसके कहने पे दावा लिया करता था
Keshav kishor Kumar
Loading...