विद्या
जीवन का हर क्षण देता है
हमें सदा शिक्षा और ज्ञान।
विद्या धन वृद्धि ही पाता
यदि करते हम इसका दान।।
बालक की शिक्षा व पढ़ाई
उसको प्रदान करती विद्या।।
किन्तु जीवन के हर पड़ाव ने
कुछ न कुछ ज्ञान है दिया।
।
विद्या अर्जन करने के लिए
कोई समय न है निर्धारित।।
शिक्षा लेना व विद्या पाना
चलती प्रक्रिया है अनवरत।।
सच्चे अर्थों में विद्या ही हम
वास्तविक मनुष्य बनाती है।
और अशिक्षा के अंधेरे की
धुंध और कालिमा हटाती है।।
विद्या धन का करो दान तुम
हृदय खोल कर जी भर कर।
मात शारदे की परम अनुकम्पा
का वरदहस्त होगा मस्तक पर।।
रंजना माथुर
अजमेर (राजस्थान )
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना
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