विद्या से ही संवरे जीवन
मेरी गुड़िया सबसे प्यारी
जापान से आई है
इसकी आँखें छोटी छोटी
जिनमें दुनिया समाई है
सीधी सादी लड़की है ये
इसमें कोई चाल नहीं
कभी कोई ना नखरा करती
इसके जैसी मिसाल नहीं
इसका मन पढ़ने लिखने का
सो इसको करवाऊंगी
आत्मनिर्भर जब बन जाए
तब मैं ब्याह रचाऊँगी
‘जड़मति’ का कोई मोल ना होता
सबसे ठोकर खाता है
विद्या से ही संवरे जीवन
अनुभव यही सिखाता है