विद्या-मन्दिर अब बाजार हो गया!
विद्या-मन्दिर अब बाजार हो गया!
प्रमाण-पत्र क्रय-विक्रय का व्यौपार हो गया!!
गाव-शहर मे पढे-लिखो का अम्बार हो गया!
विद्या-मन्दिर अब बाजार हो गया!!
शिछक अब कितना लाचार हो गया,
पुत्र ऊसी का गुन्डो का सरदार हो गया!
विद्या-मंदिर अब बाजार हो गया!!
विषय-बोझ से लदा शिष्य बीमार हो गया!
नित नूतन पाठ्यक्रम कुतुब मीनार हो गया!!
शिछा -नीति बदलना इक त्यौहार हो गया!
विद्या-मन्दिर अब बाजार हो गया!!
राजनीति से सरस्वती को प्यार हो गया,
उसकी वीणा का स्वर, नाकार हो गया!
शिछक पिटना प्रतिदिन का समाचार हो गया!
विद्या-मन्दिर अब बाजार हो गया!!