विद्या की देवी हे शारदे माँ
** विद्या देवी हे शारदे माँ **
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विद्या की देवी हे शारदे माँ।
विद्या का दे दान हे शारदे माँ।
हम हैं अज्ञानी हम हैं नादान,
शब्दों का हम को दे दो दान,
कर ज्ञान उजाला हे शारदे माँ।
विद्या का दे दान हे शारदे माँ।
तू हंसवाहिनी कमल पे विराजे,
हाथों में वीणा के सुर हैं बाजे,
जीवन तार दे तू हे शारदे माँ।
विद्या का दे दान हे शारदे माँ।
डूबतों के जैसे तिनका सहारा,
हम प्राणी हैं तुम बिन बेसहारा,
शिक्षा का दे वर हे शारदे माँ।
विद्या का दे दान हे शारदे माँ।
मनसीरत सदा तेरे गुण गाये,
हरपल हरदम तुम्हें ही ध्याये,
खड़े हम सवाली हे शारदे माँ।
विद्या का दे दान हे शारदे माँ।
विद्या की देवी हे शारदे माँ।
विद्या का दे दान हे शारदे माँ।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)