विद्या का आलय:पी एम श्री केन्द्रीय विद्यालय धर्मशाला छावनी
पहाड़ों के सानिध्य में, ऊंचाईयों के सामर्थ्य,
स्थित है एक ज्ञान की जननी, के .वी. का मान…
केन्द्रीय विद्यालय धर्मशाला: एक अद्वितीय स्थान_
छात्रों की एकजुटता, सबका सम्मान।
प्रकृति की आश्रय दायिनी गोद में स्थित,
यहाँ सपनों की उड़ान पाती है विद्या मित्र।
जहाँ नदियाँ गाती हैं संगीतमय तराना,
और आकाश झूमता पहाड़ों की चोटी पर देखने सारा ज़माना।
कक्षाओं में ज्ञान की उठती है अनुपम ज्वाला,
अध्यापकों के मार्गदर्शन से सब जपें शिक्षा की माला ।
धर्मशाला केन्द्रीय विद्यालय, ज्ञान का भंडार,
यहाँ सीख की झांकी अपार।
विज्ञान से कला, किताबों से खेल,
आगे बढ़ने के लिए नए उद्घाटनों का खेल।
प्रतिभाशाली छात्र, चमकते ज्यों तारे,
जीत लेते हैं मंजिल चुनौतियों के सहारे।
खेल के मैदान में, हंसी की गूंज उठती है,
मित्रता खिलती है, जैसे वसंत के फूलों की बारिश।
एकता और सद्भाव से जड़ी हुई हृदय की डोर,
विद्यालय में, सच्चे नेतृत्व का प्रशंसा पुरज़ोर।
पवित्र कक्षाओं में यादें बनती हैं,
जीत और संघर्षों के आधार बनते हैं।
हर साल हर क्षेत्र में छात्र होते हैं विकसित ,
उनकी आलोकमय आभा करती सबको पुलकित।
चलिए, हम अपनी आवाज करें बुलंद ,
ज्ञान का हम गीत सुनाएं।
हमेशा सब आगे बढ़ने का मार्ग दर्शाएँ।
यह विरासत चलती रहे, मजबूत और दृढ़,
आने वाली पीढ़ियों के लिए, मान्य और खास।
केन्द्रीय विद्यालय धर्मशाला की हमेशा प्रशंसा ही होगी
नतमस्तक वह स्थान -जहाँ छात्रों के हृदय में बसे विश्वास !